4 Jul 2023
1990 में सद्दाम की 4 बीवियाँ थीं
आज हम अपने पाठकों को सद्दाम-उल-हक के बारे में बतायेंगे जो 1979 में अवैध रास्ते से बांग्लादेश से भारत आया था और वह पश्चिम बंगाल में बस गया।
सद्दाम अनपढ़ होते हुए भी बुद्धिमान था क्योंकि वह देश में वोटिंग कार्ड की कीमत समझता था। उसे अपना वोटिंग आईडी अपने स्थानीय राजनेता के माध्यम से मिला। अगले साल 1980 में उसनें शमीना से शादी कर ली और शमीना को बच्चों की प्रोडक्शन फैक्ट्री के रूप में इस्तेमाल किया।
शमीना से शादी करने के 2 महीने के भीतर उसने फर्जी पहचान के जरिए संतोषी से शादी कर ली और बाद में उसका धर्म परिवर्तन कर फातिमा बीबी बना दिया। एक साल के अंदर सद्दाम की 4 पत्नियां थीं।
ये सभी उसके लिए उत्पादन कारखाने थे। उनकी स्पष्ट समझ थी कि मतदाता कार्डों की संख्या उनके स्थानीय राजनेता के लिए उनके मूल्य के समानुपाती होती है। हर 9 महीने में उनकी प्रत्येक पत्नी एक बच्चे को जन्म देती थी। डिलीवरी के 2 महीने के अंदर ही अगले बच्चे की प्रक्रिया शुरू हो गई।
1990 तक सद्दाम की 4 पत्नियाँ और 36 बच्चे थे (4 की प्रसव के दौरान या प्रारंभिक अवस्था में मृत्यु हो गई थी)। उन 36 बच्चों में से 17 लड़कियाँ थीं। इसलिए सद्दाम को लड़कियों के यौवन तक पहुँचते ही 17 नई उत्पादन फैक्ट्रियाँ स्थापित करनी थीं।
पर्सनल लॉ के अनुसार उसे अपनी बेटियों की शादी 15 साल की उम्र में करने की इजाजत थी। उसके लिए उनकी बेटियाँ केवल अधिक बच्चे पैदा करने का साधन थीं। उसने उनका विवाह अपनी दूसरी पत्नियों से हुए पुत्रों से कर दिया।
उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वे लड़कियाँ अन्य लड़कियों के संपर्क में न आएँ। उसने उन्हें स्कूल नहीं भेजा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसकी बेटियों में बच्चे पैदा करने और सद्दाम को अपना एजेंडा फैलाने में मदद करने के अलावा जीवन में कुछ भी करने की इच्छा हो। 2023 में सद्दाम की उम्र 65 वर्ष है और उसकी एक पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। उसके 19 बेटों के 168 बेटे/बेटियाँ हैं, उनमें से कुछ ने बच्चे पैदा करना शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर सद्दाम के पास 200 वोटर आईडी हैं।