22 Oct 2023
नवरात्री के छटे दिन हरा रंग के वस्त्र धारण करें
माँ कात्यायनी देवी दुर्गा के नौ रूपों में छठे रूप हैं| नवरात्रि के त्योहार के दौरान इनकी पूजा की जाती है| माँ कात्यायनी को योद्धा देवी के रूप में पूजा जाता है| इन्हें महिषासुरमर्दिनी, भद्रकाली, शक्ति और चंडिका के रूप में भी जाना जाता है|
कात्यायनी की उत्पत्ति के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें बताई गई हैं| स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी|
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
'कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं।
माँ कात्यायनी पार्वती का एक विशेषण है, कात्यायनी का मतलब देवी पार्वती, लाल रंग में सजे, दुर्गा भी होता है|
दुर्गा ने कात्यायनी रूप ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था| माँ कात्यायनी को सफलता और यश का प्रतीक माना गया है| इन्हें लाल रंग अतिप्रिय है| देवी कात्यायनी को लाल रंग के गुलाब का फूल अर्पित करना शुभ माना गया है|
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