22 Sept 2023
निवारण है सहजयोग
हमारा सामान्य गृहस्थ जीवन यापन करते समय हम देखते है कि सारा संसार त्रिगुणों से आवृत्त है। ये तीन गुण सत्व, रज और तम हैं। पंच महाभूतों से बने हुए हमारे शरीर में ये तीन गुण अपना खेल खेलते रहते हैं। जब हमें प्रसन्नता और आनंद होता है तब हम सभी के अंदर के अच्छे गुणों की ओर आकृष्ट होते हैं, हमें लगता है कि हम भी जीवन में कुछ अच्छा बनें, हमारे साथ-साथ अपने समाज का भी कल्याण करें। हमारे जीवन की जो भी समस्याएं हैं, उन सारी समस्याओं से छुटकारा पाने की पूरी शक्ति हमारे अंदर से आती है। अगर ऐसा- व्यक्तित्व आपके अंदर है तो समझ जाइये आप सतोगुण से आवृत्त हैं। इसके सिवा जो रजोगुणी व्यक्तित्व होते हैं वे अति महत्वाकांक्षी होते हैं, और दूसरों को नीचा दिखाना, किसी से बुरी तरह बात करना, ये सभी रजोगुणी व्यक्तित्व के लक्षण हैं। तमोगुणी व्यक्ति सदैव भूतकाल की बातों के बारे में सोचता- है, कोई भी व्यक्ति जो उदासीन है, उसे तमोगुणी कहा जायेगा।
प. पू. श्री माताजी प्रणित सहजयोग ऐसी ध्यान प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से आप जान जाते हैं कि आप कौन से गुणों से आवृत्त हैं। सहजयोग में जब साधक को आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होता है तो तमो गुणी साधक जो इड़ा नाड़ी प्रधान है वो अपनी इड़ा नाड़ी को नियमित ध्यान और पंच भौतिक उपचार जैसे कि अग्नितत्व का उपचार कर स्वयं को मध्य अर्थात सतोगुण की द्योतक सुषुम्णा नाड़ी पर स्थित कर सकता है, वैसे ही रजोगुणी व्यक्ति भी जान जाता है कि मेरी सूर्य नाड़ी को जल पैर प्रक्रिया और (आईस पैक) जैसे नैसर्गिक उपचार कर संतुलित कैसे किया जाय। हम सभी जीवन में बहुत दुःख का सामना कर रहे हैं , इसका कारण है अज्ञान, हमारे आत्मस्वरूप का अज्ञान । हम यह अज्ञान अपने बलबूते पर दूर नहीं कर सकते। अगर हमें हमारे आत्मस्वरूप का अज्ञान दूर करना है तो हमें ऐसे सदगुरु की शरण लेनी पड़ेगी, जिन्होंने ये आत्मसाक्षाकार की अनुभूति स्वयं सामान्य जनमानस को प्रदान की है, समर्थ रामदास स्वामी कहते हैं कि, "दानशूर" यह विशेषण केवल आत्मसाक्षात्कारी संतो की ही दिया जाना चाहिये। क्यूंकि केवल सच्चा सतगुरु ही आपके जीवन का अज्ञान - अंधकार मिटा सकता है | बड़ी विनम्रता से हम हमारे वाचकों से यह निवेदन करना चाहते हैं कि,आपके जीवन का अंधकार मिटाने वाले इस आत्मसाक्षात्कार से आप भी आशीर्वादित हो सकते हैं।
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