27 Sept 2023
विम्शोत्तरी दशा प्रणाली से जाने इसका ज्योतिष पक्ष
ज्योतिष में दशा प्रणाली एक महत्वपूर्ण यंत्र है जिससे व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है। विशेष रूप से विम्शोत्तरी दशा प्रणाली जो कि चंद्रमा की स्थिति पर आधारित है, भारतीय ज्योतिष में सबसे अधिक प्रयुक्त है।
जब हम विम्शोत्तरी दशा की चर्चा करते हैं, तो हम मुख्य रूप से महादशा, अंतरदशा और प्रत्यंतरदशा की चर्चा करते हैं। लेकिन इसके आगे भी दशा की स्तर होते हैं जैसे सूक्ष्मदशा और प्राणदशा।
सूक्ष्मदशा, प्राण दशा विशेष रूप से वह समय दर्शाती है जब व्यक्ति के जीवन में छोटी-छोटी परिवर्तन और घटनाएँ होती हैं। प्राण दशा का अध्ययन करने से ज्योतिषी किसी विशेष समय के छोटे-छोटे परिवर्तनों को समझ सकता है और उसे प्रासंगिक सलाह देने में मदद मिलती है।
आपने हल में सुना था की कोलकाता के रेलवे स्टेशन पर बैठ कर गाना गाने वाली रानू अचानक रातू रात स्टार बन गयी। ये है कमॉल सुक्ष्म दशा और प्राण दशा करते है। और ऐसे कई लोगो के विषय में आप सुनेंगे जो रातो रात सितारे बन गए इस उपलब्धि में सुक्ष्म दशा और प्राण दशा का हाथ होता है।
अब बात करते है वहीदा रहमान जी का। इनके जन्मपत्रिका कुम्भ राशि और मकर लग्न की है। लग्न में गुरु, शुक्र और सूर्य है। मंगल का षड्बल सबसे अधिक है। अभी वहीदा जी सूर्य की महादेश , शुक्र अंतर दशा , गुरु प्रत्यंतर दशा , चन्द्रमा सूक्ष्म दशा में चल रहे है। और प्राण दशा की बात करे तो अभी ये बुध की प्राण दशा में है जो की भाग्य के स्वामी है। ज्योतिष का एक सूत्र है की भाग्य के स्वामी की दशा में भाग्य फलता है। उनके भाग्य ने उन्हें दादासाहब फाल्के अवार्ड दिला दिया।
हालांकि, प्राणदशा का अध्ययन सभी ज्योतिषियों द्वारा सामान्यत: नहीं किया जाता है क्योंकि यह बहुत ही सूक्ष्म स्तर पर है और अधिकांश समय सामान्य जीवन की मुख्य घटनाओं के लिए महादशा और अंतरदशा ही पर्याप्त होती हैं। लेकिन, विशेष परिस्थितियों में या विशेष जानकारी के लिए, प्राणदशा का अध्ययन किया जा सकता है।
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