विभूति ने रखा मीडिया इंडस्ट्री में कदम
मुंबई(एजेंसी)| एक ओर, एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ में आखिरकार हरिद्वार में यशोदा के अशोक से टकराने के बाद एक नये ड्रामे से पर्दा उठने वाला है। तो दूसरी ओर, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह पर एक नई मुसबीत आने वाली है, क्योंकि अपनी पत्नी को इम्प्रेस करने की कोशिश में एक माफिया उसके हाथों से निकल जाता है। वहीं, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में एक गैरकाूननी काम का खुलासा करने के लिये विभूति मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखता है।
एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ की कहानी के बारे में बताते हुये यशोदा ने कहा, ‘‘कृष्णा (आयुध भानुशाली) कबड्डी मैच
में जीत जाता है और इनाम में जीते हुये पैसे यशोदा (नेहा जोशी) को देता है। शुरूआत में, यशोदा उन पैसों को लेने
से हिचकिचाती है, क्योंकि वह उस पर गुस्सा हुई थी। लेकिन बाद में कृष्णा के दिल से माफी मांग लेने पर वह
मान जाती है। यशोदा उन पैसों से एक चाय की दुकान खोलती है और सुरेश (सुनील दत्त) एवं मालती (अनीता
प्रधान) को दुकान के उद्घाटन में बुलाती है। इस बीच, शमशेरा (स्वतंत्र भारत) यशोदा को बताता है कि अशोक
(मोहित डागा) हरिद्वार में मंडल बाबा आश्रम में रह रहा है। यशोदा फौरन उसे ढूंढने के लिये निकल जाती है।
अशोक से मिलने के बाद, वह उससे घर वापस चलने की मिन्नत करती है, लेकिन उसके इनकार करने पर वह
हैरान रह जाती है।‘‘
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कहानी के बारे में बताते हुये दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘हप्पू (योगेश
त्रिपाठी) अपने दोस्त बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) की मदद से माफिया शकाल को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लेता
है। हप्पू के इस काम से कमिश्नर (किशोर भानुशाली) बहुत खुश होता है और उसकी तारीफ करते नहीं थकता।
इसकी एक प्रमुख वजह यह है कि माफिया शाकाल ने कमिश्नर को धमकी दी थी कि यदि वह जेल से फरार हो
गया, तो कमिश्नर का सिर मुंडा देगा। कमलेश (संजय चैधरी) जो एक रिपोर्टर की जगह काम कर रहा है, हप्पू के
साथ उसके इस साहसिक कारनामे पर एक इंटरव्यू करता है। इंटरव्यू के दौरान, अपनी इस हिम्मत का श्रेय
कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) को देता है, जिससे बेनी और राजेश (गीतांजलि मिश्रा) दोनों ही नाराज हो जाते
हैं। राजेश हप्पू को अगले इंटरव्यू में उसका नाम लेने के लिये धमकाती है। राजेश और बेनी को संतुष्ट करने के
लिये हप्पू शाकाल को सलाखों से बाहर लेकर आता है और वह उसे बेवकूफ बनाकर फरार हो जाता है। हप्पू राजेश और बेनी को खुश करने के लिये एक नकली इंटरव्यू का ड्रामा रचता है, लेकिन उन्हें असलियत पता चल जाती है और वे और भी ज्यादा नाराज हो जाते हैं।‘‘ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की कहानी के बारे में बताते हुये विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘विभूति (आसिफ शेख) मीडिया इंडस्ट्री में अपने कॅरियर की शुरूआत करता है, जबकि तिवारी (रोहिताश्व गौड़) बिजनेस की परेशानियों से जूझ रहा है। अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिये तिवारी
केडिया के साथ एक पार्टनरशिप करता है। हालांकि, विभूति को पता चलता है कि केडिया कच्छा बनियान (कच्चे
माल) की तस्करी करता है। तिवारी को इसकी जानकारी मिलती है और वह केडिया को इसके बारे में बताता है, जो विभूति को जान से मारने के लिये अपने गुंडे भेजता है। हालांकि, शीमैन नाम का एक शख्स विभूति को इस हमले में बचा लेता है और वह कोई और नहीं बल्कि सक्सेना (सानंद वर्मा) है। तिवारी को जल्दी ही इस बात का अहसास हो जाता है कि केडिया कोई भला आदमी नहीं है और वह विभूति से मदद लेने का फैसला लेता है। विभूति केडिया के खिलाफ ठोस सबूत जमा कर लेता है और उसके गैरकानूनी कामों का खुलासा करते हुये एक खबर प्रकाशित करता है।‘‘
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